नई दिल्ली: देश में उच्च शिक्षा में कुल नामांकन 2020-21 में 4.14 करोड़ दर्ज किया गया जो एक वर्ष पहले की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक और 2014-15 की तुलना में 21 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है
शिक्षा मंत्रालय ने रविवार को अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2020-21 जारी किया. मंत्रालय इस प्रकार से उच्च शिक्षा का अखिल भारतीय सर्वेक्षण 2011 से करा रहा है जिसके दायरे में देश के उच्च शिक्षण संस्थान आते हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार, उच्च शिक्षा में कुल नामांकन वर्ष 2019-20 के 3.85 करोड़ से बढ़कर 2020-21 में 4.14 करोड़ दर्ज किया गया जो 7.5 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. उच्च शिक्षा में कुल नामांकन 2014-15 की तुलना में 2020-21 में 21 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया.
महिलाओं का नामांकन 2019-20 के 1.88 करोड़ से बढ़कर 2020-21 में 2.01 करोड़ हो गया. इस प्रकार से महिलाओं के नामांकन में 13 लाख की वृद्धि हुई है. वहीं,शिक्षा के स्तर पर महिलाओं के नामांकन में वर्ष 2014-15 की तुलना में 28 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई.
वर्ष 2011 की जनसंख्या के 18-23 वर्ष आयु वर्ग के लिए अनुमानों के अनुरूप, सकल नामांकन दर वर्ष 2019-20 के 25.6 से बढ़कर 27.3 प्रतिशत हो गई है.
अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों की सकल नामांकन दर (जीईआर) में वर्ष 2019-20 की तुलना में 2020-21 में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
इसमें कहा गया कि अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों का नामांकन वर्ष 2014-15 के 46.06 लाख से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 56.57 लाख और वर्ष 2020-21 में 58.95 लाख दर्ज किया गया. वहीं, अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का नामांकन वर्ष 2014-15 के 16.41 लाख से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 21.6 लाख और वर्ष 2020-21 में 24.1 लाख दर्ज किया गया.
उच्च शिक्षा के स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का नामांकन वर्ष 2019-20 के 1.42 करोड़ से बढ़कर 2021-21 में 1.48 करोड़ दर्ज किया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा में दाखिला वर्ष 2020-21 में 45.71 लाख दर्ज किया गया जिसमें महिलाओं की संख्या 20.9 लाख थी और इसमें वर्ष 2019-20 की तुलना में सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
इसमें कहा गया कि छात्रों के प्रवेश की संख्या के हिसाब से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान शीर्ष छह राज्यों में आते हैं.
एआईएसएचई 2020-21 के अनुसार, कुल दाखिलों में 79.06 प्रतिशत छात्रों ने स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में नामांकन कराया जबकि 11.5 प्रतिशत ने स्नातकतोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम में नामांकन कराया.